THE SMART TRICK OF SHIV CHAISA THAT NOBODY IS DISCUSSING

The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing

The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing

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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

Whosoever gives incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with enjoy and devotion, enjoys product pleasure and spiritual bliss During this planet and hereafter ascends to your abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva taken off the struggling of all and grants them eternal bliss.

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

O Lord, When the Deities humbly sought your aid, you kindly and graciously uprooted all their Troubles. You blessed the Deities with the generous assist in the event the Demon Tarak outraged them and also you ruined him.

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

शिव shiv chalisa lyricsl चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।

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